एक नन्ही सी परी
एक रोज़ वो मेरी गोद में आई
मुझे देखा और मुस्कुराई
खुशी से मेरी आंख भर आई
और ये बात मैंने अपने परिवार अपने दोस्तों को सबको बताई
कि मेरी बाहों में एक नन्ही सी परी आई
वो कहते हैं बेटी हुई है अच्छा है
वो कहते हैं बेटी हुई है अच्छा है
आखिर वो भी तो तुम्हारा ही बच्चा है
वो खुशियां मना रहे थे या दिलासा देकर जा रहे थे
वो क्यों मुझे बेटी होने के फायदे गिना रहे थे
“अरे आजकल तो बिटियां ही जिंदगी भर का साथ निभाती है
बेटों को तो बहुएं साथ लेकर चली जाती हैं
बड़ी हो जाएगी तो रसोई मे तेरा हांथ बटाएगी
बेटे से ज़्यादा तो तेरी बेटी तेरे काम आएगी“
उसका होना उसका जिंदगी में आना बस पल एक खूबसूरत है
वो खुशी है मेरी ना कि मेरी कोई जरूरत है
जिंदगी जो यूंही गुजर रही थी उसे बेहतर किया है उसमें
मुझे अब तक का सबसे हसीन तोहफा दिया है उसने
ना बताओ मुझे कि वह क्या है या क्या हो सकती है
नींद जब भी आएगी उसे गोद में मेरी वो बेफिक्र सो सकती है
बधाइयों का तो सिलसिला काफी लंबा होता है
जाने कितनों का मन झूठा कितनो का सच्चा होता है
क्या बेटा होने पर भी कोई ऐसा कहता है
कि चलो बेटी नहीं हुई है ,बेटा ही अच्छा है।
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Beautiful poem….Every line of this poem is heart touching 😍😍😍😍