खुदगर्ज़ी नहीं

ख़ुद के बारे में सोचना खुदगर्ज़ी नहीं होतीकभी-कभी सबकी हां मे ,मेरी मर्जी नहीं होती जो मुझे पसंद है ,उसी में रहना मंज़ूर हैअपने दिल की बात भी मुझे सुनना ज़रूर है हां अच्छा लगता […]

आदमी अक्सर छुप छुप कर है रोते

औरतों के दुख तो कभी ख़तम नहीं होतेआदमी अक्सर छुप छुप कर है रोते वो बेटा था तो एक ही थापती बन गया तो दो हिस्सो मे बट गया रिश्ते निभाना उसे भी आता हैबस […]